आज हम समाचार पत्र हिंदी निबंध पढ़ेंगे। आप Newspaper Essay in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
समाचार पत्र हिंदी निबंध Newspaper Essay in Hindi
आज यद्यपि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया सबके दिलो-दिमाग पर छाया हुआ है, फिर भी जहां तक प्रामाणिकता का सवाल है,समाचार-पत्रों की साख अभी भी कम नहीं हुई है। हां, उनके लिए समाचारों की प्रस्तुति जरूर एक चैलेंज भरा काम हो गया है। आज भी समाचार-पत्र एक थाली में नाना व्यंजनों को एक साथ खूबसूरती और कुशलता से परोसने का काम कर रहे हैं।
मुझे याद है, मेरे पापा सुबह उतना बेड-टी के लिए परेशान नहीं होते हैं, जितना अखबार पढ़ने के लिए। अगर कहीं बाहर जाना पड़े तो वहां उनकी सबसे पहलो चिंता यह होती है कि अखबार कहां से मिलेगा। अखबार पढ़ने के बाद एक अजीब-सी शांति उनके चेहरे पर दिखाई देती है। ऐसा उनके साथ ही नहीं है, मैंने कई लोगों को इस बारे में परेशान होते देखा है। कुछ तो खास-खास खबरों को पढ़कर संतुष्ट हो जाते हैं, जबकि कुछ शुरू से लेकर आखिर तक समाचार-पत्र के एक-एक शब्द को चाटते हैं। यह मानव का सहज स्वभाव है कि वह अपनों के बारे में, अपने आसपास के बारे में और दूसरों के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानना चाहता है।
पहले यह जानकारी मौखिक रूप से मिलती थी। सोचकर देखें, जब लंबी पैदल या समुद्री यात्राओं के बाद कोई कहीं पहुंचता होगा, तो उसके आसपास नई-नई जानकारियों को प्राप्त करने वालों की कैसी भीड़ इकट्ठी होती होगी।
जब ‘प्रिंटिंग’ का विकास हुआ तो जिज्ञासा को शांत करने का यह माध्यम बदल गया। तब प्रत्येक क्षेत्र में संबंधित घटनाओं और खोजों की जानकारी छपकर लोगों तक पहुंचने लगी। इस तरह समाचार-पत्रों का विकास हुआ। सर्वप्रथम समाचार-पत्र 1605 ई. में जर्मनी में छपा। जबकि भारत में ‘द बंगाल गजेट’ के नाम से पहला समाचार-पत्र 1780 में प्रकाशित हुआ था।