आज हम रक्षाबंधन पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Raksha Bandhan in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
रक्षाबंधन पर निबंध Essay on Raksha Bandhan in Hindi
रक्षाबंधन भाई-बहनों के बीच परस्पर प्रेम का एक महत्त्वपूर्ण त्योहार है। यूं तो भारत में भाई-बहनों के बीच प्रेम और कर्तव्य की भूमिका किसी एक दिन की मोहताज नहीं है, पर रक्षाबंधन के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्त्व की वजह से ही यह दिन इतना महत्त्वपूर्ण माना जाता है।
हिंदू श्रावण मास (जुलाई-अगस्त) की पूर्णिमा के दिन मनाया जाने वाला यह त्योहार भाई के बहन के प्रति प्यार का प्रतीक है। रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर भाई की दाहिनी कलाई पर बहन राखी बांधती है, उसका तिलक करती है और उससे अपनी रक्षा का संकल्प लेती है। रक्षाबंधन की व्यापकता अब तो इससे भी कहीं ज्यादा हो गई है। अब राखी देश की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा और मानव हितों की रक्षा आदि के लिए भी बांधी जाने लगी है। इस प्रकार इसका अर्थ है-रक्षा करने का संकल्प।
हिंदू पुराण कथाओं में रक्षाबंधन का वर्णन मिलता है। वामनावतार नामक पौराणिक कथा में रक्षाबंधन का प्रसंग आया है। कथा इस प्रकार है-राजा बलि ने यज्ञ संपन्न कर स्वर्ग पर अधिकार करने का प्रयत्न किया, तो देवराज इंद्र ने भगवान विष्णु से प्रार्थना की कि वे उनको रक्षा करें। विष्णुजी वामन बनकर राजा बलि से भिक्षा मांगने पहुंच गए। गुरु शुक्राचार्य के मना करने पर भी बलि ने तीन पग भूमि वामन को दान कर दी। वामन भगवान ने तीन पग में आकाश-पाताल और धरती नाप कर राजा बलि को रसातल में भेज दिया। उसने अपनी भक्ति के बल पर विष्णुजी से हर समय अपने सामने उपस्थित रहने का वचन ले लिया। लक्ष्मी जी इससे चिंतित हो गईं।
लक्ष्मी जी देवर्षि नारद की सलाह पर बलि के पास गई और रक्षासूत्र बांधकर उसे अपना भाई बना लिया। बदले में वे विष्णुजी को अपने साथ ले आईं। कहते हैं कि तब से ही यह पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म के अनुष्ठानों में पुरोहित (ब्राह्मण) जब अपने यजमान की कलाई पर कलावा बांधता है, तो वह बलि और लक्ष्मी की इस कथा का स्मरण करता है तथा सब निर्विघ्न हो, इसका विश्वास भी दिलाता है।