आज हम राजीव गांधी पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Rajiv Gandhi in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
राजीव गांधी पर निबंध Essay on Rajiv Gandhi in Hindi
प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जब हत्या हुई, उस समय देश की परिस्थितियां ऐसी थीं कि तब किसी कार्यवाहक प्रधानमंत्री की आवश्यकता न समझते हुए राजीव गांधी को ही प्रधानमंत्री बनाया गया। तब राजीव गांधी देश के छठे प्रधानमंत्री बने थे। 31 अक्टूबर, 1984 की शाम 6.15 बजे उन्हें राष्ट्रपति ज्ञानी जैलसिंह ने शपथ दिलाई। यह निर्णय उस समय जहां कांग्रेस पार्टी के हित में था, वहीं देश के सामने भी इसका कोई विकल्प नहीं था। इस निर्णय से देश की युवा शक्ति भी एक नए उत्साह से भर उठी थी।
राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने। इंदिरा जी जब प्रधानमंत्री बनीं तो उस समय उनकी अवस्था 49 वर्ष थी, जबकि राजीव गांधी जब प्रधानमंत्री बने तो उस समय उनकी अवस्था 40 वर्ष थी। इसीलिए राजीव गांधी के प्रधानमंत्री बनने पर युवाओं में विशेष उत्साह पैदा हुआ।
राजीव गांधी ने भी मतदान के लिए न्यूनतम आयु 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष कर दी। देश की जनता ने 1985 के आम चुनावों में उन्हें प्रचंड बहुमत दिया। 543 में से 415 सीटें उन्हें लोकसभा में मिलीं।
इस बात को सभी स्वीकार करते हैं कि राजीव गांधी जिस समय प्रधानमंत्री बने, उस समय आदर्शों और सिद्धांतों की राजनीति नहीं रह गई थी। इसीलिए उनकी ईमानदारी और खुली सोच को उनके व्यक्तित्व का नकारात्मक पहलू माना जाने लगा था। यहां यह भी सर्वविदित है कि उन्होंने देशहित के लिए अपनी महत्त्वाकांक्षा का बलिदान किया था।
देश को कम्प्यूटराइज्ड करने में राजीव गांधी की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। इसके लिए उन्हें अपनों तक के खुले विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन वे जानते थे कि देश को भविष्य में इससे बहुत लाभ होगा। विश्व के कदम के साथ कदम मिलाकर चलने के लिए ऐसा करना जरूरी था। लेकिन देश को वो कुछ और नया दे पाते कि देश के इस सपूत की 21 मई, 1991 में मद्रास के निकट एक आत्मघाती हमले में हत्या कर दी गई।