आज हम हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Our National Bird Peacock in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
हमारा राष्ट्रीय पक्षी मोर पर निबंध Essay on Our National Bird Peacock in Hindi
भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है। इसके अद्भुत सौंदर्य के कारण ही 1963 में भारत सरकार द्वारा इसे राष्ट्रीय पक्षी घोषित कर दिया गया था। यह एक बड़ा पक्षी है एवं इसके आकर्षक रंगीन पंख काफी लंबे होते हैं। मोर के सिर पर मुकुट जैसी खूबसूरत कलंगी होती है। इसकी लंबी गर्दन पर सुंदर नीला मखमली रंग होता है। इसका रंग सफेद भी होता है। नर मोर की लंबाई चोंच से लेकर पूंछ तक 100-115 सेमी. (40-46 इंच) होती है और अंत में एक बड़ा पंख 195-225 सेमी. (78-90 इंच) और वजन 4-6 किलो होता है। मादा मयूरी (मोरनी) लंबाई में कुछ छोटी अर्थात् करीब 95 सेमी. ( 38 इंच) के आसपास और 2.75-4 किलोग्राम वजन की होती है। मोर भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी उम्र 25-30 साल होती है।
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मोर नुकसानदायक कीट-पंतगों को खाता है इसलिए यह किसानों का अच्छा मित्र होता है। मोर शब्द पुल्लिंग है, मादा को मोरनी कहते हैं। मोर का नृत्य बहुत प्रसिद्ध है। मयूर नृत्य समूह में किया जाता है। नृत्य के समय मोर अपने पंख फैला कर बड़ी खूबसूरती से, मगर धीमी गति में, नृत्य करता है।
मोर का शिकार भारत में पूर्णतया प्रतिबंधित है। इसे भारतीय वन्य-जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत पूर्ण सरंक्षण दिया गया है।
मोर के सौंदर्य ने जहां लोगों को अपनी ओर आकर्षित किया, वहीं कई आदिवासी जातियों में मुकुट के रूप में इसे पहना जाता है, अर्थात् शृंगार के रूप में भी इसका महत्त्व है। हिंदू देवताओं में प्रमुख श्रीकृष्ण का तो मोर पंख से विशेष संबंध रहा है। यह श्रीकृष्ण की मानो पहचान ही है। मोर को राजा-महाराजाओं ने सम्मानित स्थान दिया है। चंद्रगुप्त मौर्य के राज्य में जो सिक्के चलते थे, उनकी एक ओर मोर बना होता था। मुगल बादशाह शाहजहां जिस तख्त पर बैठता था, उसकी शक्ल मोर की ही थी। इस तख्त का नाम तख्त-ए-ताऊस था। मोर को ताऊस कहते हैं।