आज हम इन्द्र कुमार गुजराल पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Indra Kumar Gujral in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।
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इन्द्र कुमार गुजराल पर निबंध Essay on Indra Kumar Gujral in Hindi
इंद्रकुमार गुजराल 21 अप्रैल, 1997 को देश के बारहवें प्रधानमंत्री बने। लेकिन 11 महीने पश्चात् 19 मार्च, 1998 को इन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा। राष्ट्रपति ने लोकसभा को भंग किया और नए चुनाव हुए। इसके बाद भाजपा सरकार ने कार्यभार संभाला।
इंद्रकुमार गुजराल का जन्म 4 दिसंबर, 1919 को झेलम नगर (पाकिस्तान) में हुआ। उन्होंने 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। प्रधानमंत्री बनने से पूर्व आपने संचार एवं संसदीय कार्यमंत्री, सूचना एवं प्रसारण मंत्री, सड़क एवं भवन मंत्री, योजना एवं विदेश मंत्री के रूप में कार्य किया था। ये रूस में भारत के राजदूत भी रहे।
विभिन्न गुणों से संपन्न होते हुए भी गुजराल देश की जनता के बीच एक राजनेता की दृष्टि से अधिक लोकप्रिय नहीं हो पाए। भाषण से वे लोगों को अपनी ओर खींच नहीं पाते थे।
ऐसी स्थिति में 24 पार्टियों को बैसाखी पर चल रही सरकार का नेतृत्व वे कब तक करते? आखिर सरकार गिर गई। फिर भी उनकी योग्यता और ईमानदारी पर कोई संदेह नहीं किया जा सकता। वे विनम्र और शालीन व्यक्ति थे। अहंकारशून्य व्यक्तित्व के धनी गुजराल का लोग व्यक्तिगत रूप से अतिसम्मान करते थे। उनका निधन 30 नवंबर, 2012 को हुआ था।