गणेश चतुर्थी पर निबंध Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

आज हम गणेश चतुर्थी पर निबंध पढ़ेंगे। आप Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi को ध्यान से और मन लगाकर पढ़ें और समझें। यहां पर दिया गया निबंध कक्षा (For Class) 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 के विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त हैं।

Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

गणेश चतुर्थी पर निबंध Essay on Ganesh Chaturthi in Hindi

भादो माह की शुक्ल चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। इसमें दस दिन तक गणेश जी की पूजा की जाती है और अंत में चतुर्दशी वाले दिन यह उत्सव गणेश मूर्तियों के जल-विसर्जन के साथ समाप्त होता है। वैसे तो जहां भी हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं, इस पर्व की अपनी ही शान होती है, लेकिन महाराष्ट्र में गणपति उत्सव के दौरान लोगों में उत्साह देखते ही बनता है। भक्ति उमंग का पर्व है यह गणपति महोत्सव।

सन् 1893 में लोकमान्य तिलक ने ब्राह्मणों और गैर ब्राह्मणों के बीच की दूरी को खत्म करने के लिए ऐलान किया कि गणेश भगवान सभी के देवता हैं। इस उद्देश्य से उन्होंने गणेश उत्सव के सार्वजनिक आयोजन किए और समाज सुधारक लोकमान्य तिलक का यह प्रयास एकता की एक मिसाल साबित हुआ। इससे सामाजिक कटुता खत्म करने में भी सहायता मिली। संबंध मधुर बने। स्वतंत्रता के संघर्ष में भी इसकी भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है।

भगवान गणेश जी को मंगलमूर्ति और विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। बुद्धि, समृद्धि और वैभव का देवता मानकर इनकी पूजा की जाती है। भगवान शिव और पार्वती जी के पुत्र हैं गणेश जी। गणेश जी का चेहरा हाथी का है। इनकी सवारी मूषक (चूहा) है।

मान्यता है कि जब श्री वेदव्यास महाभारत की रचना कर रहे थे तब उन्होंने गणेश जी का स्मरण किया। वे चाहते थे कि श्री गणेश ही इसका लेखन करें। गणेश जी इस पवित्र कार्य के लिए तैयार हो गए, लेकिन उन्होंने एक शर्त रखी कि जब तक वेदव्यास जी बोलते रहेंगे, तब तक ही वे लिखेंगे। जब वे बोलना बंद कर देंगे, तब वे भी लिखना बंद कर देंगे और ऐसा हुआ भी।

गणेश जी ने ही सबको संदेश दिया कि माता-पिता से बढ़कर कुछ नहीं है, उनके चरणों में ही तीनों लोक हैं। इसके बाद से ही उनकी सर्वप्रथम पूजा होने लगी। बढ़ों का सम्मान करने वाला ही तो सम्मान पाता है।


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