डॉ. अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर, 1931 को रामेश्वरम्, तमिलनाडु में हुआ था। इनका जन्मस्थान प्राकृतिक छटा से भरपूर द्वीप जैसा एक छोटा-सा शहर था। शायद इसीलिए इनका प्रकृति से बहुत जुड़ाव रहा। इनका पूरा नाम ‘डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलाबदीन अब्दुल कलाम’ था, लेकिन लोगों के बीच ये ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम से प्रसिद्ध थे। इनके पिता ‘जैनुलाबदीन’ न तो ज्यादा पढ़े-लिखे थे, न ही पैसे वाले थे।
वे नाविक थे और नियम के बहुत पक्के थे। ये मछुआरों को नाव किराए पर दिया करते थे। इनके संबंध रामेश्वरम के हिंदू नेताओं तथा अध्यापकों के साथ काफी स्नेहपूर्ण थे। अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अखबार वितरित करने का कार्य भी किया था। इनका जीवन रोचक उपन्यास से कम नहीं है।
डॉ. कलाम प्रसिद्ध वैज्ञानिक और अभियंता के रूप में विख्यात रहे। डॉ. कलाम को भारत का 11वां राष्ट्रपति 18 जुलाई, 2002 को नब्बे प्रतिशत बहुमत से चुना गया। इनका कार्यकाल 25 जुलाई, 2002 से 25 जुलाई, 2007 तक रहा। इन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था। अपने जीवन में वैज्ञानिक उपलब्धियों के कारण डॉ. कलाम को जहां कई उपाधियों से नवाजा गया, वहीं भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म भूषण (1891), पद्म विभूषण (1990) और देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न (1997) से भी सम्मानित किया गया। गैर राजनीतिक व्यक्ति होने के कारण इन्हें जनता का राष्ट्रपति भी कहा जाता है। विज्ञान की दुनिया में चमत्कारिक प्रदर्शन के कारण ही राष्ट्रपति भवन के द्वार इनके लिए स्वत: खुल गए, यह कहना भी गलत न होगा।
इनका निधन 27 जुलाई, 2015 को दिल का दौरा पड़ने से उस समय हो गया जब ये शिलोंग स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान, शिलोंग में ‘रहने योग्य ग्रह’ पर एक व्याख्यान दे रहे थे। लोगों के दिल में इनका क्या स्थान था, इसका अंदाजा इस बात से होता है कि इनके अंतिम संस्कार में साढ़े तीन लाख से अधिक साधारण एवं विशिष्ट लोगों ने भाग लिया था।